Last month it was politics everywhere:
अब तो मयखाना भी सुकूं नही देता
जिक्र-ए-जम्हूरियत वहां भी होने लगा
The state witnessed an unprecedented fight among parties and leaders:
करेंगे वो किसी से दोस्ती क्या
जो डरते हैं किसी की दुश्मनी से
यही मक़सद है क्या जम्हूरियत का
लडा दो आदमी को आदमी से (मधु भूषण)
People woke up and turned up to vote in big numbers:
कब तक़ जम्हूरियत के दलालो के आगे रोओगे
देश भक्तों जागो अरे कब तक़ तुम सोओगे (मिलन कुमार)
Irrespective of his status, everyone got to cast only one vote:
जम्हूरियत वो तर्ज़-ए-हूकूमत है के जिसमें
बन्दौ को गिना जाता है तौला नही जाता
BJP after the unprecedented win:
देखा है फिर एक बार वोटर की आँखों मे प्यार
फिर अबकी बार योगी सरकार
Akhilesh after unexpected defeat:
मैं समझा नहीं ऐ मेरे हमनशीं
सज़ा ये मिली है मुझे किस लिये
के साक़ी ने लब से मेरे छीन कर
किसी और को जाम क्यों दे दिया
BSP / Congress after massive election loss:
आज उतनी भी मयस्सर नही मयखाने मे
जितनी हम छोड दिया करते थे पैमाने मे