Feeling tied up ?

Very often, we hear that our life today is full of tensions and problems. We are all tied up in numerous things that we must do and there is no time to enjoy life. I firmly believe that majority of our problems and stress is an outcome of our own imagination. I read this interesting story that illustrates this viewpoint. I am sharing below parts of the story that really touched me:

रेगिस्तानी मैदान से एक साथ कई ऊंट अपने मालिक के साथ जा रहे थे। अंधेरा होता देख मालिक एक सराय में रुकने का आदेश दे दिया। निन्यानवे ऊंटों को जमीन में खूंटियां गाड़कर उन्हें रस्सियों से बांध दिया मगर एक ऊंट के लिए खूंटी और रस्सी कम पड़ गई। सराय में खोजबीन की , पर व्यवस्था हो नहीं पाई। तब सराय के मालिक ने सलाह दी कि तुम खूंटी गाड़ने जैसी चोट करो और ऊंट को रस्सी से बांधने का अहसास करवाओ। यह बात सुनकर मालिक हैरानी में पड़ गया, पर दूसरा कोई रास्ता नहीं था, इसलिए उसने वैसा ही किया।

झूठी खूंटी गाड़ी गई , चोटें की गईं। ऊंट ने चोटें सुनीं और समझ लिया कि बंध चुका है। वह बैठा और सो गया। सुबह निन्यानबे ऊंटों की खूटियां उखाड़ीं और रस्सियां खोलीं , सभी ऊंट उठकर चल पड़े , पर एक ऊंट बैठा रहा। मालिक को आश्चर्य हुआ - अरे, यह तो बंधा भी नहीं है , फिर भी उठ नहीं रहा है।

सराय के मालिक ने समझाया - तुम्हारे लिए वहां खूंटी का बंधन नहीं है मगर ऊंट के लिए है। जैसे रात में व्यवस्था की, वैसे ही अभी खूंटी उखाड़ने और बंधी रस्सी खोलने का अहसास करवाओ। मालिक ने खूंटी उखाड़ दी जो थी ही नहीं, अभिनय किया और रस्सी खोल दी जिसका कोई अस्तित्व नहीं था। इसके बाद ऊंट उठकर चल पड़ा। 


ऊंट - मालिक ने हैरानी के साथ इस सलाह का राज पूछा। जवाब मिला -' न केवल ऊंट बल्कि मनुष्य भी ऐसी ही खूंटियों से और रस्सियों से बंधे होते हैं जिनका कोई अस्तत्व नहीं होता। ऊंटों का मुझे कोई अनुभव नहीं , लेकिन मनुष्यों के अनुभवों के आधार पर ही मैंने ऐसी सलाह दी। '

 जिस तरह ऊंट ने बिना बंधन मान लिया कि वह खूंटे से बंधा है, मनुष्य भी ठीक इसी तरह समस्याओं के न होने पर भी समस्याओं से घिरा हुआ या समस्याओं के अहसास से बंधा हुआ महसूस करता है।  जितनी भी समस्याएं हैं सब मन से जुड़ी है।  कई बार जो समस्याएं नहीं होती हैं, मनुष्य मन - ही - मन उन समस्याओं का सृजन कर लेता है, मान लेता है। इसलिए मन को प्रशिक्षित करना ज्यादा जरूरी है। 


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