The biggest lesson that I got from my father is how to stay cool in
tough times and accept the fact that difficulties are as much a part of
life as good times. This attitude gives you tremendous strength to face
any adversity. I can not say that I have been able to follow this
approach consistently in all situations, but I have seen him to be a
living examples of these values.
This key lesson from him is very well captured by his favorite verse given below:
दुख भी मानव की संपत्ति है,
तू क्यों दुख से घबराता है |
दुख आया है तो जायेगा,
सुख आया है तो जायेगा,
दुख जायेगा तो सुख देकर,
सुख जायेगा तो दुख देकर,
सुख देकर जाने वाले से,
ए मानव क्यों भय खाता है |
सुख में है व्यसन प्रमाद भरे,
दुख में पुरुषार्थ चमकता है
दुख कि ज्वाला में जलकर ही,
कुंदन सा तेज दमकता है
सुख में सब भूले रहते है,
दुख सबकी याद दिलाता है |
सुख संध्या का वह लाल क्षितिज,
जिसके पश्चात अँधेरा है
दुख प्रातः का झुटपुटा समय,
जिसके पश्चात सवेरा है
दुख का अभ्यासी मानव ही,
सुख पर अधिकार जमाता है |
दुख के सम्मुख जो सिहर उठे,
उनको इतिहास न जान सका
दुख में जो कर्मठ धीर रहे,
उनको ही जग पहचान सका
दुख एक कसौटी है जिस पर,
ये मानव परखा जाता है |
Listen to my father reciting this song in his own voice:
सुख देकर जाने वाले से,
ए मानव क्यों भय खाता है |
सुख में है व्यसन प्रमाद भरे,
दुख में पुरुषार्थ चमकता है
दुख कि ज्वाला में जलकर ही,
कुंदन सा तेज दमकता है
सुख में सब भूले रहते है,
दुख सबकी याद दिलाता है |
सुख संध्या का वह लाल क्षितिज,
जिसके पश्चात अँधेरा है
दुख प्रातः का झुटपुटा समय,
जिसके पश्चात सवेरा है
दुख का अभ्यासी मानव ही,
सुख पर अधिकार जमाता है |
दुख के सम्मुख जो सिहर उठे,
उनको इतिहास न जान सका
दुख में जो कर्मठ धीर रहे,
उनको ही जग पहचान सका
दुख एक कसौटी है जिस पर,
ये मानव परखा जाता है |
Listen to my father reciting this song in his own voice:
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