कितना सच कहा है !


शायर के एक एक शब्द में कितना गहन अर्थ छुपा होता है - वाह वाह !

टूटे दिलों को जोडना आसान नही है दोस्त
 सर्जन यहां पे फेल है साईंस यहां पे फेल   - फिक़्र्

टूटे हुये रिश्तो ने कईं जख्म दिये है
अब और ज़माने मे किसे दोस्त बनाऊ     - हस्नी सुरूर

टूटे इक ख्वाब तो आँखे नही फोडा करते
जीने वाले कभी जीना नही छोडा करते     - अहमद कमाल

ठोकर से मेरा पांव तो जख्मी हुआ ज़रूर
रस्ते मे जो खडा था वो कोहसार हट गया  - शकेब ज़लाली

ठोकरें खाइये, पत्थर भी हटाते चलिए
आने वालों के लिए राह बनाते चलिए

टूटेंगी ज़ब नींद से पलकें सो जाऊंगा चुपके से
जिस जंगल मे रात पडेगी मेरा घर हो जायेगा  - कैसरूल ज़ाफरी

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