Happy Father's Day

Today is Father's day. Here is a beautiful poem by Om Vyas Om (re-arranged a bit) to express my feelings on this occasion:

पिता अँगुली पकडे बच्चे का सहारा है,
पिता कभी कुछ खट्टा कभी खारा है,

पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं,
पिता है तो बाज़ार के सब खिलौने अपने हैं,

पिता…पिता अप्रदर्शित-अनंत प्यार है,
पिता है तो बच्चों को इंतज़ार है,

पिता…पिता जीवन है, सम्बल है, शक्ति है,
पिता…पिता सृष्टी मे निर्माण की अभिव्यक्ती है,

पिता…पिता पालन है, पोषण है, परिवार का अनुशासन है,
पिता…पिता धौंस से चलना वाला प्रेम का प्रशासन है,

पिता…पिता रोटी है, कपडा है, मकान है,
पिता…पिता छोटे से परिंदे का बडा आसमान है,

पिता से परिवार में प्रतिपल राग है,
पिता से ही माँ की बिंदी और सुहाग है,

पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पूर्ती है,
पिता…पिता रक्त निगले हुए संस्कारों की मूर्ती है,

पिता…पिता एक जीवन को जीवन का दान है,
पिता…पिता दुनिया दिखाने का एहसान है,

वो खुशनसीब हैं माँ-बाप जिनके साथ होते हैं,
क्योंकि माँ-बाप के आशिषों के हाथ हज़ारों हाथ होते हैं

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