क्या है सुख? कैसे इसे हासिल करें ?

 
क्या है सुख?
बुखार नहीं है, सर्दी खांसी नहीं है,
मुंह में स्वाद भी है, खुशबू भी ले सकते है
यही तो है सुख !

पिछले कई महीनो से चल रहे अभूतपूर्व कोरोना महामारी के प्रकोप ने हमें अचानक यह अहसास दिला दिया है कि वास्तव में जीवन में ऐसे कितने ही छोटे छोटे सुख भरे हुए हैं - परन्तु हम उन्हें नकार कर सिर्फ यही देखते रहते हैं कि हमारे जीवन में क्या कमी है - या कौन सी इच्छा पूरी होनी बाकी है | खुश रहना हमारे अपने हाथ में है, यदि हम अपने मन से नकारात्मक विचार निकाल दें | ज़रा नीचे लिखे सुझावों पर विचार कीजिये - शायद ये मददगार हो सकें |

सबसे पहले सोच बदलें 
  • जीवन में सभी चीजें अस्थायी हैं। यदि सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है, तो इसका आनंद लेना सीखिए |
  • यदि कुछ गलत घट भी रहा है, तो चिंता मत कीजिये, यह वक़्त जल्द ही गुज़र जाएगा |
  • चिंता कभी न करें क्यूंकि चिता कल की मुसीबतों को दूर नहीं करती, पर वह आज की शांति जरूर छीन लेती है।
  • ज़रा सोचिये - कार की विंडशील्ड इतनी बड़ी और रियर व्यू मिरर इतना छोटा क्यों होता है? क्योंकि आगे बढ़ने के लिए हमेशा सामने देखना ज़रूरी है | इसी तरह हमाराअतीत कभी हमारे वर्तमान से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होता। सामने देखिये और आगे बढिए। 

आपकी पहुँच ऊपर तक है, उसका प्रयोग करें 
  • अगर आपको अपनी क्षमताओं में विश्वास है तो परमेश्वर भी आपकी समस्याओं को हल करता है। कठिन समय में उनसे मदद लेने में न हिचकें |
  • अक्सर जब हम उम्मीद खो बैठते हैं और लगता है कि अब अंत आ पहुंचा - उस समय ईश्वर ऊपर से मुस्कराता है और कहता है, आराम से डियर, कोई अंत नहीं, यह सिर्फ एक मोड़ है ! 
  • परन्तु याद रखें कि प्रार्थना को सिर्फ स्टेपनी की तरह मुसीबत के समय ही प्रयोग न करें | इसको जीवन का स्टीयरिंग व्हील बनायें, जो जिंदगी के सफ़र में आपको सही दिशा में ले जाए |
  • कभी कभी दूसरो के लिए भी प्रार्थना करें क्यूंकि जब आप दूसरों के लिए प्रार्थना करते हैं तो भगवान आपकी सुनता है और उनकी मदद करता है । 

अच्छे दोस्तों को न भूलें 
  • आपके दोस्तों का साथ कई बार आपको कठिन से कठिन परिस्थिति से जूझने का हौसला देता है |
  • जब कभी आपकी समस्या का अचानक समाधान हो जाता है तो याद रखें कि उस समय आप के लिए भी शायद कोई मित्र प्रार्थना कर रहा हो | 
  • परन्तु एक सच्ची और अच्छी दोस्ती को विकसित करना आसान नहीं है - सच्ची दोस्ती एक किताब की तरह है, जिसे लिखने में कई साल खर्च हो जाते हैं लेकिन इसे जलाने में कुछ ही सेकंड लगता है |  
  • नए दोस्त मिल जाने पर पुराने दोस्तों को न भूलें | पुराने दोस्त सोने की तरह होते हैं और नए मित्र हीरे जैसे | यदि आपको एक हीरा मिल जाए तो, सोने को नहीं भूलें, क्योंकि हीरे की पकड़ बनाने के लिए हमेशा सोने के बेस की जरूरत होती है | 

2 comments:

  1. शतप्रतिशत सच लिखा है!खुश रहना हमारे अपने हाथ में है।

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    1. धन्यवाद प्रिया, मेरे ब्लॉग को सब्सक्राइब करना न भूलें |

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